Vahi Kya Hai ? वही क्या हैं ? नबी सल्ल के पास अल्लाह का कलाम कैसे पहुँचता था हम सब के प्यार नबी पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास अल्लाह का कलाम फरिश्तों के सरदार हजरत जिबरील अलैहि खुद ले कर आते थे.अल्लाह की तरफ से क़ुरान के कलाम को वही भी कहा जाता हैं.हजरत जिबरील अलैहि अल्लाह के कलाम को खुद हमारे प्यारे नबी मोहम्मद सल्ल को सुनाते थे.
इसके बाद नबी सल्ल उस कलाम के बारे में हजरत जिबरील अलैहि सारी जानकारी ले लेते थे ,और अल्लाह के जानिब नबी सल्ल को वो इल्म भी अता कर दिया जाता था जिसके बारे में हजरत जिबरील अलैहि भी नहीं जानते थे. हजरत जिबरील अलैहि सिर्फ अल्लाह का कलाम सूरा या आयात के रूप में बता देते थे.अल्लाह के नबी को ये अख्तियार खुद अल्लाह ने अता किया था की, उस सूरा या आयात का असल मक़सद किस रूप में हैं और उस सन्देश का मक़सद क्या हैं.
Vahi Kya Hai ? वही क्या हैं ? नबी सल्ल के पास अल्लाह का कलाम कैसे पहुँचता था
क़ुरान की आयते 22 साल 5 महीने 14 दिन में नाज़िल हुई हैं
क़ुरान में 30 पारे 114 सूरेह 91 मक्की सूरेह 23 मदनी सूरेह 540 रुकू 14 सजदे 86430 कलमे 333760 हर्फ़ 6666 आयत 53223 ज़ेर
1050030 नुक़्ते 49190 नून के नुक़्ते हैं 26 नबियों का ज़िक्र 4 फ़रिश्तो के नाम 2584 मर्तबा अल्लाह का नाम और 700 जगह नमाज़ की
ताक़ीद की गयी हैं सौराह इखलास में सिर्फ 1 जगह ज़ेर का इस्तेमाल हैं और सूरह क़ौसर में मीम का इस्तेमाल नहीं हैं.अल्लाह तआला हमे ज्यादा से ज्यादा क़ुरान की तिलावत करने और उसको समझने की तौफीक अता फरमाए आमीन .
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