The First Kalam of Allah पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास अल्लाह का पहला कलाम कहाँ नाजिल हुआ इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान, एक छोटा सुरा (अध्याय) से शुरू होती है जिसे सूरह फातिया कहा जाता है.पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास अल्लाह का पहला कलाम मक्का शहर के करीब “गारे हिरा” में नाजिल हुई.
जबाल ए-नौर सऊदी अरब के हिजाज़ी इलाके में मक्का के पास एक पहाड़ है इस पहाड़ में हीरा ‘की कुटी या गुफा है, जो दुनिया भर के मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इस गारे हिरा में ही हज़रात मोहम्मद सल्ल पर अल्लाह का पहला संदेश (वही )नाज़िल हुआ हैं
The First Kalam of Allah पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास अल्लाह का पहला कलाम कहाँ नाजिल हुआ ?
अल्लाह के नाम पर,जो बढ़ा ही नेक और रहमत वाला हैं
सारी इबादत अल्लाह की हैं,जो इस दुनिया को बनाने वाला हैं बहुत ही रहमत वाला हैं,और आख़िरत के दिन हमे हमारे किये गए कामो का हिसाब करेग। हम अल्लाह की इबादत करते हैं,और उसी से मदद मांगते हैं,अल्लाह सभी को हिदायत देना वाला हैं.लोगो को रहमत देने वाला हैं, जो रास्ते से भटके नहीं हैं ,किसी को कष्ट नहीं देते हैं, और अच्छे कार्य करते हैं.
बहुत से मुसलमान हर दिन अपनी इबादत के हिस्से के रूप में फातिहा पढ़ते हैं.पैगंबर मुहम्मद सल्ल अनुसार, इस सुरा में कुरान की शिक्षाओं का पूरा सार है.अरबी में ईश्वर के लिए शब्द “अल्लाह” है, जो कि अरबी भाषा बोलने वाले ईसाइयों द्वारा ईश्वर को संदर्भित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है.सभी मुसलमान अल्लाह को संपूर्ण ब्रह्मांड का निर्माता और शासक मानते हैं.अल्लाह के लिए सभी मनुष्यों का परम न्यायाधीश, और दया और दया के गुणों से वाला अक़ीदा रहता हैं.