Ruhani Ilaj:रूहानी इलाज़-आसमानी और जमीनी आफतों से बचने का तरीका रूहानी इलाज़ नाम की इस सीरीज़ में हम आप सभी को वह सब जानकारी देने जा रहे हैं,जहाँ सब सारे रास्ते बंद हो जाते हैं,जब साथ छोड़ देते हैं,जब कोई दवा काम नहीं आती हैं, उस वक़्त अगर फिर से आप सभी मुस्लमान अपने अक़ीदे को फिर से ताज़ा करके,अपने ईमान पर मजबूत हो जाते हैं.
तो ये क़ुरान के सन्देश ही आपको बड़े से बड़े खतरे से बहार निकल लाएंगे और जो भी आपको तकलीफ है उन सबका का इलाज आप क़ुरान करीमा की आयतों से करके हर तरह की निजात को ख़त्म कर देंगे.रूहानी इलाज़ के लिए ये जरुरी हैं की आप का ईमान पक्का होना चाहिए,साथ ही नमाज़ बहुत ही ताकीद के साथ पढ़नी है,और इस्लाम के बताये हुए रास्ते पर चलने की कोशिश शुरू कर देना चाहिए क्युकी बिना इन सब के रूहानी इलाज़ कभी भी सफल नहीं हो सकता हैं
Ruhani Ilaj:रूहानी इलाज़-आसमानी और जमीनी आफतों से बचने का तरीका
जब भी कोई कौम अल्लाह के बनाये हुए कानून से मुँह मोड़ लेती हैं और क्या सही हैं और क्या गलत हैं उसको जानते हुए भी अल्लाह के कानून को तोड़ने से बाज़ नहीं आती हैं तो,अल्लाह उसके अक़ीदे की ताक़त को कम कर देता हैं,जिससे वह कौम अंध विश्वास का शिकार हो जाती हैं.
इन अंध विश्वासों से इंसान के अंदर बिगाड़ पैदा होता हैं और अल्लाह की और जाने की बजाये वह दुनिया के संसाधनों पर ज्यादा विस्वास करने लगता हैं.यही वह लम्हा होता हैं जहाँ उस कौम के खात्मे की शुरुआत होती हैं.
अल्लाह फिर एक बार उस कौम को सही रास्ते पर लाने के लिए आसमानी और जमीनी आफातो को नाज़िल करता है और इशारा देता हैं की इंसान दुनिया में भले ही अपने आप को बहुत ताक़त वाला समझता हैं और खुदा का इंकार या उसके रास्ते पर नहीं चलने वाला होता हैं,यही वक़्त हैं की वह कौम अल्लाह के बताये रास्ते पर चलने लगे क्युकी अपनी कौम को अल्लाह से बेहतर कोई जानने वाला नहीं हैं.
जहाँ अल्लाह क़ुरान में फरमाता हैं की कोई भी ऐसी आसमानी और जमीनी आफ़ते नहीं हैं, जिसके लिए अल्लाह ने पहले से ही उससे बचने का रास्ता कौम के लिए न बनाया हो. क़ुरान हमे ऐसी आफतो से बचने का तरीका भी बताता हैं, जिसको अमल करके आप इन सब दिक्कतों से बच सकते हैं.
यदि आप या कहीं पर भी कोई इंसान या कौम पर जमीनी और आसमानी आफत टूट पड़ी हैं,तो इस अमल को अपनी जिंदगी में जरूर शामिल करें.
6 इंच चौड़े और 12 इंच लम्बे सफ़ेद काग़ज़ पर काली चमकदार इंक से ये दुआ लिख कर अपने घर पर ऐसी जगह लगा दे जिससे घर के साथ साथ और लोगो की नज़र भी इस दुआ पर पड़े.
दुआ
बिस्मिल्लाहहिर्रहरामनिर्रहीम
या हफीजु या हफीजु या हफीजु
या बदीऊ या बदीऊ या बदीऊ
या बदी उल अजाइबि बिल खैयरि या बदीअ
इस दुआ की रोजाना तिलावत भी करें.
इंशा अल्लाह इस दुआ का असर जल्द ही दिखेगा.