Roza Kholne Ki Dua रोजा खोलने की दुआ रमज़ान शरीफ के मुबारक महीने का हम सब मोमिन बहुत ही अहताराम करते हैं, पूरे महीने अल्लाह को राज़ी करने के लिए हर ऐसे काम करते हैं जिससे अल्लाह हमसे राज़ी हो जाये, रोज़े रखते हैं दिन भर भूखे प्यासे बस अपना अल्लाह को राज़ी करने के लिए इबादत करते रहते हैं.
शाम के वक़्त जब अफ्तार के समय आता हैं तो हम रोजा खोलने की दुआ को पढ़ कर ही अपना रोज़ा खोल कर अपने अल्लाह का शुक्र अदा करते हैंरमजान यह इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है दुनिया भर में मुसलमानों द्वारा उपवास (Roza), प्रार्थना, प्रतिबिंब और समुदाय के रूप में मनाया जाता है.
Roza Kholne Ki Dua रोजा खोलने की दुआ रमजान मुबारक
मुहम्मद सल्ल के जरिये अल्लाह ने रमजान वार्षिक पालन इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है और रमजान उनतीस से तीस दिनों तक रहता है, जो अर्धचंद्राकार चंद्रमा के एक दर्शन से अगले तक होता है ये नेकियों से भरो हुआ महीना होता हैं जिसमे हर मुसलमान ज्यादा ज्यादा इबादत करके अपने अल्लाह को राज़ी करना चाहता हैं और साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगो की मदद भी करता हैं इस महीने में हर मुस्लमान अपनी कमाई हुई रोज़ी का कुछ हिस्सा जकात दान के रूप में भी देता हैं.
रोजा खोलने की दुआ रमजान मुबारक
“अल्लाहहुमा लकासुमतो वबेकामंतो तवक्कलतो वाआला इलैहे रीज़कोका अफ्तरतो”
“ऐ अल्लाह मैंने तेरी रजा के लिए रोजा रखा,और तेरी ही रज्कक पर इफ्तार किया”
हर मुसलमान को किये ही रमजान के पाक महीने का अहतराम करके ज्यादा से ज्यादा नेकिया अपने खाते में करने की कोशिश करे क्यूई ये वह महीना हैं जिस महीने में अल्लाह अपने बन्दों ने लिए अपनी रहमत का पूरा खजाना खोल देता हैं.