Masha Allah अल्लाह का ये पाक नाम ले कर हर बीमारी को करे दूर-इस कायनात की सभी जिन्दा मख्लूको के लिए अल्लाह ने उनकी पहले से ही तकदीर लिख दी हैं.तकदीर पर ईमान इस्लाम के बुनियादी अक़ीदों में से एक हैं. इस कायनात को बनाने से पहले ही सभी लोगो की तकदीर का फैसला हो गया हैं.जो भी इंसान की जिंदगी में होता हैं वह अल्लाह की रज़ा से ही होता हैं.
अल्लाह के हुक्म से तकदीर दो तरह की होती हैं.पहली जिसका होना तय हैं, जैसे इंसान का पैदा होना,इंसान की मौत,क़यामत का आना.दूसरी तकदीर जैसे बीमारी का होना,रोज़ी में बरकत,परेशानिया.इसी दूसरी तकदीर को अल्लाह को राज़ी करके उसको बदला जा सकता हैं.अक्सर हम देखते हैं की अचानक हम या हमारे घर के लोगो को बहुत सारी परेशानिया अपनी जद में ले लेती हैं.
Masha Allah अल्लाह का ये पाक नाम ले कर हर बीमारी को करे दूर
इसमें रोज़ी में बरकत न होना,न फरमान हो जाना,हर तरफ से मुसीबतों में घिर जाना हम समझ ही नहीं पाते की हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा हैं ?
अल्लाह,अल्लाह की किताब और प्यारे नबी मोहम्मद सल्ल पर सही अक़ीदा रखने वालों की भी आजमाइश होती हैं और जो लोग अक़ीदा नहीं रखते हैं उनकी भी आजमाइश होती हैं. फर्क इतना हैं की हम इस आजमाइश में खरे उतारते हैं, तो हमारी इस जिंदगी के साथ साथ आख़िरत की जिंदगी भी संवर जाती हैं.
अगर अल्लाह के जानिब आपकी तकदीर में कोई बीमारी का होना लिखा हैं ,तो उसको होने से कोई टाल नहीं सकता हैं. अलबत्ता आप अपनी इबादत के जरिये इस बीमारी को अल्लाह के रहमो करम से आने से पहले या आने के बाद ख़तम कर सकते हैं.
Masha Allah अल्लाह का ये पाक नाम ले कर हर बीमारी को करे दूर
अगर कोई भी इंसान या उसके परिवार में कोई भी शख्स किसी बड़ी या लाइलाज बीमारी की चपेट में हैं ,तो अल्लाह तआला के एक पाक नाम को पढ़ कर छोटी से छोटी-बड़ी से बड़ी बीमारी से निजात पा सकता हैं.
इस नाम को पढ़ने का तरीका
इस नाम को खुद या किसी बीमार इंसान के लिए भी पढ़ा जा सकता हैं, इस अमल को इस तरह से करे.
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अल अहुम्मा सल्लि अला मुहम्मादिव व अला आलि मुहम्मद
कमा सल लैता अला इब्राहीम व अला आलि इब्राहीम इन्नका हमीदुम मजीद
अल अहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मद
कमा बा रकता अला इब्राहीमा व अला आलि इब्राहीमा इंनका हमीदुम मजीद
या सलामु (200 बार)
पढ़ कर अपने ऊपर या मरीज के ऊपर दम कर दे. ये अमल दिन 2 बार सुबह और शाम, लगातार सिर्फ 3 दिन करना होगा.
इंशा अल्लाह आपकी दुआ से जरूर राज़ी होगा और अपनी रहमत की बारिश नाज़िल करेगा.