Kya Dusre Log Musalman Ho Sakte Hain ? क्या दूसरे लोग मुस्लमान हो सकते हैं ? अगर किसी इंसान के द्वारा बिना मतलब समझे कलमा तैयब को पढ़ा जाये तो क्या वह इंसान मुस्लमान हो जाता है ?एक मुस्लमान होने की पहली शर्त ये हैं कि उसका एक खुदा में सच्चे दिल से विश्वास करना होता हैं साथ ही हज़रत मुहम्मद सलल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं इसकी भी सच्चे दिल से गवाही देना ही मुस्लमान होना होता हैं.
यदि कोई इंसान जिसको कलमा तैयब और इस्लाम की बुनियाद का अर्थ नहीं पता होता हैं, यदि उस पर वो इंसान कलमा तैयब पढ़ लेता हैं तो सिर्फ कलमा तैयब पढने से वो मुस्लमान नहीं हो जाता हैं.
Kya Dusre Log Musalman Ho Sakte Hain ? क्या दूसरे लोग मुस्लमान हो सकते हैं ?
हां यदि बाद में वह इंसान कलमा तैयब और इस्लाम की बुनियाद के बारे में अच्छे से जान लेता हैं,और उसके बाद वह अपना ईमान इस्लाम पर लाना चाहता हैं,तो अगर वह कलमा तैयब दिल की गवाही के साथ पढ़ता हैं तो वह इंसान मुस्लमान हो जाता हैं
अक्सर ये देखा जाता हैं कि बिना समझे ही किसी ऐसे इंसान के द्वारा कलमा तैयबा पढ़ लिया जाता हैं जो की गैर मुसिलम होता हैं यहाँ तक की इस्लाम में दाखिल बहुत से ऐसे मुस्लमान होते हैं जिन्होंने सिर्फ नाम का कलमा पढ़ा होता हैं उसके बाद न तो वह इस्लाम को समझने की कोशिश करते हैं और न ही इस्लाम के रास्ते पर चलने की कोशिश करते हैं क़ुरान हमे ये बतलाता हैं की क़ुरान की तिलावत रोजाना करो और खास तौर से क़ुरान को समझ कर पढ़ो क़ुरान सभी के लिए एक हिदायत की किताब हैं जो इंसान को इस दुनिया के साथ साथ आख़िरत की दुनिया को भी बनाने के मौका देती हैं.
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