Islam Me Samanta Ka Siddhant–अल्लाह के नबी हज़रत मोहम्मद सल्ल. का भाई चारे का नियम और मानव समानता का सिंद्धांत जिसका पालन खुद करके अपने पहले के मिसाल पेश की,वह उस महान योगदान का परिचायक हैं,जो हज़रत मोहम्मद सल्ल. ने मानवता के उठान के लिए समाज को दिया.
यों तो सभी धर्मो ने एक ही सिंद्धांत का प्रचार लिया लेकिन इस्लाम में अल्लाह के नबी हज़रत मोहम्मद सल्ल. ने इन सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप दे कर मिसाल पेश किया.दुनिया से हर साल हज के मौके पर रंग,नस्ल,जाति,भाषा आदि के भेदभाव से मुक्त इस्लाम के भाई चारे का नियम और मानव समानता के सिंद्धांत को दुनिया का हर इंसान देखता हैं.चाहे वह मुस्लिम हो या न हो.
Islam Me Samanta Ka Siddhant-इस्लाम में समानता का सिद्धांत
Islam Me Samanta Ka Siddhant-दुनिया के हर कोने-कोने लोग मक्का की पाक जमीं पर एक परिवार के सदस्यों के रूप में इकठ्ठा होते हैं.सभी का लिबास एक जैसा होता हैं है.हर एक शख्स बिना सिली दो सफ़ेद चादरों को अपने लिबास की तरह पहनता हैं.सब के सर खुले होते हैं.किसी भी प्रकार के दिखावे या बनावट का कोई प्रदर्शन नहीं करता हैं बस लोगो की जुबान पर यही शब्द होते हैं.
मैं हाजिर हूँ ऐ खुदा,मैं तेरी आज्ञा के पालन के लिए हाजिर हूँ,तू एक हैं,और तेरा कोई शरीक नहीं.
इस प्रकार कोई ऐसी चीज़ बाक़ी नहीं रहती हैं जिसके कारण किसी को बड़ा या छोटा कहा जाये,और हर हज करने वाले मुस्लमान भाई चारे का नियम और मानव समानता का सिंद्धांत के प्रभाव को लिए घर वापस लौटता हैं.
Islam Me Samanta Ka Siddhant-इस्लाम में समानता का सिद्धांत
भाई चारे के एक सिद्धांत के रूप में अल्लाह के नबी हज़रत मोहम्मद सल्ल.ने बदतरीन दुश्मनो को भी माफ़ कर दिया,यहाँ तक की उन लोगो तक को माफ़ कर दिया गया जिन्होंने ने आपके चाहते चचा हमजा को क़त्ल करके उनके पाक शरीर को विकृत कर दिया. यहाँ तक कि उनका पेट चीर का कलेजा निकालकर चबाया था.Islam Me Samanta Ka Siddhant
यदि हम अपने दीन की बातो को अच्छे से जाने की कोशिश करेंगे,तो हमे ज्यादा से ज्यादा बाते अपने दीन के बारे में पता चलेंगी,जिससे अगर किसी के बीच में कोई गलत फहमी हैं इस्लाम दीन के प्रति,तो उस गलत फहमी को भी हम सब दूर कर सकते हैं.