Islam Me Maa Baap Me Se Kiska Martaba Bada Hain ?-इस्लाम में माँ बाप में से किसका मर्तबा बड़ा हैं ?कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता हैं….और इंसान को हमने माँ बाप के सम्बन्ध में ताकीद किया हैं,कि वह इंसान उनकी सेवा और आज्ञा का पालन करें,क्योकि उन्होंने ने खास तौर पर उसकी माँ ने उसके लिए बड़ी परेशानियां उठायी हैं.अतः उसकी माँ ने कमजोरी पर कमजोरी सह कर उसको पेट में रखा,कई सालो तक अपने दूध पिलाया हर तरह से उसने अपने बच्चे की सेवा की.
इस्लाम में माँ बाप में से किसका मर्तबा बड़ा हैं ?-हजरत अबू हुरैरा रजि. से रिवायत हैं कि एक व्यक्ति अल्लाह के रसूल सल्ल. की खिदमत में हाजिर,हुआ और कहा ऐ अल्लाह के रसूल रिश्तेदारों में अच्छे सलूक का सबसे ज्यादा हक़दार कौन हैं ?
Islam Me Maa Baap Me Se Kiska Martaba Bada Hain ?-इस्लाम में माँ बाप में से किसका मर्तबा बड़ा हैं ?
आप सल्ल. ने कहा तुम्हारी माँ.
उसने एक बार फिर निवेदन किया कि फिर वह कौन हैं ?
आप सल्ल. फिर से कहा तुम्हारी माँ.
उसने निवेदन किया फिर कौन हैं ?
और हमारे प्यार नबी मोहम्मद सल्ल. ने कहा तुम्हारी माँ.
उसने एक बार फिर निवेदन किया और हमारे प्यार नबी मोहम्मद सल्ल.से पूछा फिर कौन हैं ?
तो अब हमारे प्यार नबी मोहम्मद सल्ल ने कहा तुम्हारा बाप.
हदीस-बुखारी,मुस्लिम
Islam Me Maa Baap Me Se Kiska Martaba Bada Hain ?-इस्लाम में माँ बाप में से किसका मर्तबा बड़ा हैं ?
इब्ने बतताल इस हदीस को बताते हैं,कि बाप का एक दर्जा हैं और बाप से पहले माँ के लिए 3 दर्जे हैं.इस हदीस से माँ के मर्तबे के बारे में इस्लाम में पता चलता हैं कि माँ का मर्तबा कितना आला हैं.
उन्होंने इन दर्जो के तफ्सील इस तरह से बयान कि हैं कि माँ बच्चे कि पैदाइश में तीन दर्जे कि परेशानियाँ झेलती हैं,पहले गर्भ की तकलीफ ,दूसरी पैदाइश की तकलीफ और तीसरी दूध पिलाने की तकलीफ और यही तीनो तकलीफें माँ को बाप से श्रेष्ट बनाती हैं.इन तीनो तरह की तकलीफो का जिक्र क़ुरआन की इस आयत में हैं.
और यह हकीकत हैं कि हमने इंसान को अपने माँ बाप का हक़ पहचानने की खुद ताकीद की हैं.उसकी माँ ने कमजोरी पर कमजोरी उठा कर उसे अपने पेट में रखा,और 2 साल उसके दूध छोड़ने में लगे.
(कुरआन मजीद 31:14)
अल्लाह के रसूल सल्ल. की हदीस इस कुरानी आयत की व्याख्या हैं.वास्तव में माँ को अच्छे सलूक में उसके प्रति कर्तव्यों के पालन में और मोहब्बत पर मेहबानी में सब में प्राथमिकता हासिल है.