Islam And Hijab-Kya Hijab Pahanna Desh Ki Tarakki Me Rukawat Paida Karta Hain–Hijab देश की तरक्की में रुकावट हैं या नहीं ? इस सवाल का जवाब जानने से पहले हमे ये देखना चाहिए की हिजाब क्या हैं ? क्युकी इसके बिना हम इसके मकसद इसके फायदे और इसके नुक़्सानो को समझ नहीं सकते हैं.
इसमें बाद हमे ये तय करना की मुस्लिम महिलाओ का हिजाब पहनना किसी देश की तरक्की में रुकावट पैदा करता हैं या नहीं ?हिजाब को सरल भाषा में पर्दा कहा जाता हैं पर्दा अरबी शब्द Hijab का अनुवाद हैं.जिस चीज़ को अरबी में हिजाब कहते हैं उसकी को फ़ारसी और उर्दू हिंदी में पर्दा कहा जाता हैं.
Islam And Hijab-Kya Hijab Pahanna Desh Ki Tarakki Me Rukawat Paida Karta Hain-Chapter One
हिजाब का शब्द कुरान मजीद की उस आयत में आया हैं जिसमे अल्लाह ने लोगो को नबी (सल्ल) के घर में बेझिझक आने जाने से मना किया था.और हुक्म दिया था की,अगर घर की औरतों से कोई चीज़ मांगनी हो तो Hijab (परदे) की ओट से माँगा करो.इसी हुक्म से परदे से मुताल्लिक आदेशों की शुरआत हुई,फिर जितने भी आदेश और नियम इसके बारे में आये उन सबको हिजाब से मुताल्लिक हुक्म और नियम कहा जाने लगा.
हिजाब से मुताल्लिक आदेश कुरआन मजीद की 24वी और 33वी सूरा में विस्तार के साथ मौजूद हैं.उनमे औरतों को हुक्म दिया गया हैं,कि वे अपने घरो से वक़ार और इज्जत के साथ रहे.अपने हुस्न और अपने सिंगार कि नुमाइश न करें.घरो से बहार निकलना हो तो अपने ऊपर एक चादर डाल कर निकलें,और ऐसे गहने पहन कर न निकलें जिनसे आवाज़ पैदा होती हो.यहाँ तक की घर में भी अगर कोई औरत शादी शुदा हैं, तो अपने शोहर के अलावा घर के किसी भी ऐसे शख्स के सामने बिना हिजाब के ना आये जो उसकी उम्र या उम्र से ज्यादा हो.
Islam And Hijab-Kya Hijab Pahanna Desh Ki Tarakki Me Rukawat Paida Karta Hain-Chapter One
इसी तरह ये भी आदेश दिया गया हैं अगर किसी अजनबी या जानने वाले शख्स के सामने आना पड़े तो हिजाब पहन कर ही सामने आये.
और इस्लाम में मर्दो को भी आदेश दिया गया कि घर में भी यदि अपनी माँ या बहन के पास भी जाना पड़े,तो पहले इजाजत ले कर ही जाए.
ताकि अचानक गलती से ही सही उनकी निगाह ऐसे हालात या जगह में न जाये,जिसमे जिसमे का कोई हिस्सा खुला हुआ हो.
ये हुक्म हैं जो कुरआन मजीद में दिए गए हैं और इन्ही का नाम हिजाब,पर्दा हैं.