Fajar Ki Namaz Ki Fazilat फ़जिर नमाज़ में कितने रकात होती हैं ? फ़जिर नमाज़ से ही दिन की पहली इबादत शुरू होती हैं,जो सुबह होने से ठीक पहले अदा की जाती हैं.फज़िर की नमाज़ एक ऐसी नमाज़ हैं जिसको अल्लाह तआला खूब पसंद करता हैं,क्यूकी ये वक़्त ऐसा होता हैं जब एक मुस्लमान दिन का थका हारा सो रहा होता हैं.
फज़िर की नमाज़ का वक़्त ऐसा है की बस सूरज निकलने वाला होता हैं और इस वक़्त इंसानी फितरत के हिसाब से नींद बहुत ही तेज़ होती हैं ,इस वक़्त अल्लाह भी अपने बन्दे की तौहीद को देखता हैं कि बंदा अपने अल्लाह को राज़ी करने के लिए क्या अपनी नींद कि क़ुरबानी देगा की नहीं .
Fajar Ki Namaz Ki Fazilat फ़जिर नमाज़ में कितने रकात होती हैं ?
फ़जिर नमाज़ में 4 रकात होती हैं इसमें 2 सुन्नत और 2 फर्ज रकात होती हैं.
बंदा जब नींद तोड़ कर खुदा की बंदगी के लिए फज़िर की नमाज़ के लिए उठ कर अल्लाह की बारगाह में हाज़िर हो जाता हैं तो तमाम फ़रिश्ते उस बन्दे को सलाम भेजते हैं और खुश हो जाते हैं .अल्लाह तआला को इस बन्दे इस बंदगी के बारे में बयां करते हैं.दिन में दो वक़्त ऐसा आता हैं जब मुस्लमान के पास जो फ़रिश्ते होते हैं वह बदलते हैं और दूसरे फरिश्तों को इस बन्दे के साथ उसकी हिफाज़त करने का मौका मिलता हैं
Fajar Ki Namaz Ki Fazilat फ़जिर नमाज़ में कितने रकात होती हैं ?
रोज़ ये सिलसिला चलता हैं .ये दो वक़्त फज़िर की नमाज़ और असीर की नमाज़ का होता हैं,जब फ़रिश्ते ये देखते हैं की बंदा किस तरह अपनी नींद को छोड़ के अल्लाह की बारगाह में हाज़िर होता हैं,तो रोजाना फ़रिश्ते ये बात अल्लाह को जरूर बताते हैं और उस बन्दे की जिंदगी में और आख़िरत के लिए उसके लिए दुआ और सलाम करते हैं.बेशक खुदा सबके हाल जाने वाला हैं .
आपको क़ुरान बताता हैं की फ़रिश्ते मासूम होते हैं और जब बन्दे की खुदा बंदगी देते है,तो वह खुश हो कर इसका इज़हार अल्लाह से करते हैं,यही वजह से की फज़िर की नमाज़ की फजीलत कितनी अहम हैं.