Barkat Ki Dua-घर और कारोबार के लिए बरक़त की दुआ-घर और कारोबार में बरक़त न होने से तरह-तरह की परेशानियां पेश आती हैं और घर में आये दिन लड़ाई झगड़े होते रहते हैं. माँ बाप लड़ते हैं तो औलादों पर भी बुरा असर देखने को मिलता हैं.
औलादों की तर्बियत भी सही से नहीं हो पाती हैं ,इससे उनके दिल से माँ बाप का अदब और एहतेराम ख़तम होने लगता हैं और वह भी माँ बाप से लड़ाई झगड़ों में शामिल हो जाते हैं. घर और कारोबार में बरक़त के लिए अल्लाह का यह फरमान हमेशा याद रखना चाहिए.
Barkat Ki Dua-घर और कारोबार के लिए बरक़त की दुआ
अल्लाह फ़िज़ूल खर्ची करने वालों को न पसंद करता हैं.
घर और कारोबार के लिए अल्लाह का ये फरमान हमेशा सामने होना चाहिए,साथ ही अच्छे अख़लाक़ और उचित नफ़ा लेने से कारोबार में तरक्की होती हैं.इन उसूलों पर जमे रहने के बावजूद अगर बरक़त न हो तो, इस के लिए अपने ईमान को फिर से तारो ताज़ा करने की जरूरत है .हमेशा याद रखिये अल्लाह की राह पर चलने वाले को अल्लाह कभी रुसवा नहीं करता हैं.अगर आप ये सोचे की एक दुआ का अमल भर कर लेने से ही अल्लाह राज़ी हो जायेगा ऐसा नहीं होगा.
Barkat Ki Dua-घर और कारोबार के लिए बरक़त की दुआ
आपको अल्लाह के कलाम और प्यारे रसूल पर पूरा चट्टान जैसा मजबूत ईमान करना होगा. जैसे जैसे आप इस रास्ते पर चलते जायेंगे ,अल्लाह की तरफ से आपको ऐसा रिज़्क़ हासिल होगा,जिसकी कोई इन्तहा नहीं होगी. उसके साथ साथ अगर आप इस अमल को करते हैं, तो इंशा अल्लाह आपकी सारी परेशानिया दूर हो जाएगी साथ ही घर और कारोबार में बरक़त अल्लाह की तरफ से ऐसे नाज़िल होंगी ,जिससे आपका अक़ीदा और मजबूत होने लगेगा.
इस रूहानी अमल को आपको इस तरह से करना हैं.
इस दुआ को एक सफ़ेद कागज पर लिख कर घर,दुकान,ऑफिस के पहले दरवाजे की चौखट पर लिख कर कील से अच्छी तरह से लगा दे.
दुआ
बिस्मिल्लाहहिर्रहरामनिर्रहीम
ब स मीम अल अ ह
अ ल वाव अ स अ ज
ल ज ल अ ल ह
999 999 999
नोट-इस दुआ को लिखने से पहले तीन-तीन बार दुरूद पाक की तिलावत करके इस दुआ को लिखे और घर दुकान ऑफिस के पहले दरवाजे की चौखट पर लगाने से पहले बच्चो में मिठाई जरूर बाँट दें.
इंशा अल्लाह इस अमल से अल्लाह के रहमो रहम से बरक़त नाज़िल होगी.